नवरात्रि के बाद क्यों मनाई जाती है विजयादशमी, जानिए इसका महत्व?
न्यूज़ वाला । नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा 9 दिनों पर पृथ्वीलोक पर आकर रहती हैं और घर-घर में वास करती हैं। ऐसे में माँ रानी की सच्चे दिल से उपासना करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और हर मनोकामना पूर्ण होती है।
नवरात्रि के 9 दिनों बाद दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है। ये दिन दशहरे के रूप में भी मनाया जाता है। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक इस दिन का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। दु्र्गा पूजा के बाद इसी दिन धूमधाम से मां दुर्गा विसर्जन किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दिन इतना खास क्यों है? नवरात्रि के बाद दसवें दिन को विजयादशमी क्यों कहा जाता है, आइए जानते हैं इसकी वजह-
मां दुर्गा ने किया था महिषासुर का वध
दरअसल विजयादश्मी को असत्य पर सत्य की जीत के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। मान्यता है कि देवताओं की तरफ से मदद की गुहार लगाने पर इसी दिन मां कात्यायनी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। मान्यताओं के मुताबिक इससे पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध होता रहा और दसवें दिन उन्होंने भगवान शिव के दिए त्रिशूल से महिषासुर का वध कर दिया। इसी के चलते मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। दसवें दिन महिषासुर का वध करने की वजह से इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। माता रानी का एक नाम विजया भी है।
इसलिए मनाया जाता है दशहरा
इसके अलावा आज ही दशहरा का पर्व भी मनाया जाता है जिसमें रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था जिसके बाद इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा।





























































































































































































































































































