राज्य की प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए योजना “गुरु घासीदास बुक ऑफ छत्तीसगढ़ रिकार्ड” देगा एक बेहतरीन प्लेटफार्म : योजनाकार रफीक मेमन

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी प्रतिभागी को कोई पहचान या विशिष्ट सम्मान नहीं मिल पाया है। “गुरू घासीदास बुक ऑफ छत्तीसगढ़ रिकार्ड” राज्य की प्रतिभाओं को दिलाएगा अंतर्राष्ट्रीय पहचान व सम्मान।
0 राज्य व देश हित में यह योजना जल्द से जल्द लागू की जाए
कोरबा (न्यूज़ वाला)। छत्तीसगढ़ में किसी भी क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है किन्तु उन्हें एक ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं हो पाता जहां से वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन देश व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कर सकें, जिससे प्रतिभागी के साथ-साथ देश को भी काफी नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को अपनी प्रतिभा दिखाने का राज्य स्तरीय मौका देती है तो यह प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य व देश का नाम रौशन करेंगे एवं हमारे पास भविष्य के लिए छत्तीसगढ़ के होनहारों का रिकार्ड होगा, जिससे बहुत से लोग प्रेरणा पाकर अपने एवं राज्य के उज्जवल भविष्य का निर्माण करेंगे।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की प्रतिभाओं का एक नया रिकार्ड बनाया जाएगा जिसका नाम होगा “गुरू घासीदास बुक ऑफ छत्तीसगढ़ रिकार्ड” छत्तीसगढ़ राज्य से हर क्षेत्र में व्यक्तिगत एवं संयुक्त रूप से अपनी प्रतिभा दिखाने वालों का नाम एवं रिकार्ड इस बुक में दर्ज किया जाएगा, जो एक वर्ष के लिए निर्धारित होगा, यदि उस क्षेत्र में कोई नया रिकार्ड बनाना चाहे तो वह एक वर्ष के पश्चात् उस रिकार्ड को तोड़कर नया रिकार्ड बना सकता है एवं आने वाले वर्ष के लिए अपना नाम “गुरू घासीदास बुक ऑफ छत्तीसगढ़ रिकार्ड” में दर्ज करा सकता है।
किसी भी राज्य के तेज गति से विकास के लिए यह आवश्य है कि वहां के स्थायी नागरिकों में से विशेष प्रतिभा रखने वाले नागरिकों की अलग पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए ताकि वह आने वाले समय में राज्य का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रौशन कर सके ।
राज्य में अगर योजना लागू होती है तो प्रतिभाओं को इस तरह मिलेगा सम्मान
* राज्य सरकार किसी भी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ स्तर पर रिकार्ड बनाने वाले को 2 लाख रूपये/प्रमाण पत्र व चांदी की एक शिल्ड प्रदान करेगी।
• प्रारंभ के वर्षों में अलग-अलग क्षेत्रों से 100 लोगों के चयन पश्चात बुक में रिकार्ड दर्ज किया जाएगा।
* आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा कम या ज्यादा हो सकता है।
* चयन पश्चात् प्रतिवर्ष रिकाडों की घोषणा व सम्मान 18 दिसम्बर गुरु घासीदास जयंती को की जाएगी।
• भविष्य में रिकार्ड बनाने वाले प्रतिभागी को सरकार इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सहयोग भी प्रदान करेगी व उनसे कुछ लाभ लेना चाहे तो लाभ भी प्राप्त करेगी।
* 5 वर्षों तक लगातार किसी के रिकार्ड को कोई दूसरा प्रतिभागी तोड़ नहीं पाता तो ऐसे व्यक्ति को रू. 5 लाख का पुरस्कार सरकार द्वारा पुनः दिया जावेगा।
इस योजना में छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी ही भाग ले सकेंगे, अन्य राज्य के निवासी इस योजना हेतु पात्र नहीं होंगे।
* इस योजना के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक समिति का गठन किया जा सकता है या समाज कल्याण विभाग द्वारा भी इसे संचालित किया जा सकता है।