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छत्तीसगढ़ राज्य में जिला अनुसार सभी जाति/समाज/जमात का पंजीयन कराना होगा अनिवार्य ?

कोरबा (न्यूज वाला)। देश के हर धर्म (हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बैैैैौद्ध, जैन, पारसी, यहूदी) का नागरिक किसी न किसी जाति/समाज/जमात से जुड़ा हुआ है।

सभी समाजों के पंजीकरण के पश्चात राज्य की बहुत सी समस्याओं का किया जाएगा स्थाई समाधान।

जैसे: -1) देश और राज्य में बाहरी घुसपैठियों को रोकना।

2) राज्य में रहने वाले वैध नागरिकों की पहचान करना।

3) राज्य में रहने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करना।

4) जातिगत जनगणना करना।

5) राज्य के फर्जी बोगस वोटरों की पहचान करना और उसे खत्म करना है।

# पंजीयन के पश्चात् उस जिले में निवासरत् स्थायी सभी नागरिकों को अपने धर्म एवं जाति/समाज/जमात के अनुसार अपना व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, जिसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए एक प्रारूप तैयार किया जाएगा।

# जो किसी भी धर्म, जाति/समाज/जमात को नहीं मानता है उसे शासन के द्वारा घोषित सम्बंधित कार्यालय में अपना एवं अपने परिवार की जानकारी देना अनविार्य होगा।

# दो वर्षों या शासन के निर्देशानुसार डाटा में हुए संशोधन की जानकारी समाज के द्वारा या व्यक्तिगत आधार पर देना अनिवार्य होगा।

# समाज में किसी का जन्म अथवा मृत्यु होने पर या किसी शासकीय कर्मचारी का स्थानांतरण होने के पश्चात्, किसी परिवार के नागरिक के स्थायी रूप से जिले के बाहर निवास करने पर, बच्चों के विवाह के पश्चात् उनके बाहर निवास करने पर एवं अन्य परिस्थितियों में भी इसकी जानकारी देनी होगी।

जिला अनुसार जाति/समाज/जमात के पंजीयन से देश एवं राज्य की कई समस्याओं का स्थायी समाधान होगा एवं साथ ही साथ देश के हजारों करोड़ रूपये की बचत भी होगी।

# जातिगत जनगणनाओं में हजारों करोड़ रूपये का खर्च आता है उसमें बहुत कमी आएगी।

# डाटा अपडेट होता रहेगा।

# जिले अनुसार जातिगत जनगणना हो जाएगी।

# राज्य के सभी नागरिकों का जिला अनुसार डाटा प्राप्त होगा।

# सभी धर्म के लोगों को अपनी जाति के नागरिकों की जानकारी होगी।

# आपराधिक घटनाओं के पश्चात् उनकी पहचान सुनिश्चित होगी कि वह व्यक्ति किस धर्म व किस समाज का है।

# नये आधार कार्ड, वोटर आईडी बनाने के लिए यह डाटा बहुत ही कारगर साबित होगा।

# नये आधार कार्ड एवं वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिए समाज की अनुसंशा की भी आवश्यकता होगी।

# वर्तमान में शासन की कई योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को नहीं मिल रहा है, जबकि अपात्र व्यक्ति इन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, जिससे शासन को करोड़ों रूपये का नुकसान हो रहा है। जिससे राज्य का विकास भी बाधित हो रहा है। सभी सामाजिक संगठनों से इस योजना के प्रारंभ होने के पश्चात् यह जानकारी ली जाएगी कि समाज का कौन सा व्यक्ति शासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए पात्र है या अपात्र है।

# इस योजना के प्रारंभ होने के पश्चात् राज्य में एन.आर.सी. एवं जातिगत जनगणना की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाएगी।

# जिले की हर जाति/समाज/जमात की शासन की प्रति एक जवाबदेही बनेगी जिससे सभी समाज के लोग अपने आप को गौरान्वित महसूस करेंगे कि उन्होंने अपने देश एवं राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस योजना से और भी अनेकों फायदे होंगे, योजना कार मोहम्मद रफीक मेमन ने इस योजना का नाम मेरी पहचान रखा है और राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया कि इस योजना का अवलोकन कर देश एवं राज्यहित में इसे जल्द से जल्द लागू करेंगे।

मोहम्मद रफीक मेमन
जीएसटी सलाहकार
बी/14, दीनदयाल मार्केट, कोरबा (छ.ग.)
मो. 7000708165
Email: mishrakocha@gmail.com