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फाइटर जेट इंजन भारत-अमेरिका मिलकर बनाएंगे

नई दिल्ली। अमेरिकी संसद ने भारत और अमेरिका के बीच हुई फाइटर एयरक्रॉफ्ट इंजन की डील को मंजूरी दे दी है। भारत की हिंदुस्तान ऐयरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिका की जीई ऐयरोस्पेस के बीच साथ मिलकर फाइटर जेट के इंजन बनाने को लेकर एग्रीमेंट हुआ था। इस डील को मंजूरी मिलने से दोनों देशों के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और मजबूत होगी।

इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टेट विजिट के दौरान भारत और अमेरिका के बीच इस डील पर सहमति बनी थी। अब बाइडेन सरकार को इस डील को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी संसद ने भी मंजूरी दे दी है। इस डील के तहत अमेरिका ने भारत के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, जेट इंजन का निर्माण और लाइसेंस का एग्रीमेंट किया था।

भविष्य के इस डील को गेमचेंजर माना जा रहा है – इस साझेदारी को एचएएल के चीफ सीबी अनंतकृष्णन ने “बड़ा गेम चेंजर” माना है, क्योंकि यह भविष्य के स्वदेशी इंजनों के लिए आधार बनेगा जो सैन्य जेट को ताकत देंगे। सौदे के तहत 99 जेट इंजनों का निर्माण किया जाएगा, जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होने की वजह से कम महंगे होंगे। एफ-414 इंजन अपनी विश्वसनीयता और प्रदर्शन के लिए मशहूर हैं। जीई एयरोस्पेस, कंपनी चार दशकों से भारत में काम कर रही है। इस डील के मंजूरी मिलने के बाद अब कंपनी को इंजन बनाने, एवियोनिक्स, सेवाएं, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और स्थानीय सोर्सिंग को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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