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23 दिसंबर से 1500 श्रद्धालुओं का जत्था श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के साथ रवाना होगा रामेश्वरम धाम

0 समिति की उच्च स्तरीय सेवाओं से पूरे देश मे बनी पहचान ,श्रद्धालुओं की बनी पहली पसंद

रायपुर (न्यूज़ वाला)। जीवन में सुख शांति ,यश कीर्ति की स्थली दक्षिण भारतीय प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की कड़ाके की ठंड के मौसम में दर्शन का एक अलग ही आनंद और उत्साह रहता है। श्रद्धालुओं की इसी अभिलाषा को पिछले डेढ़ दशक से अपनी अटूट श्रवण भक्ति की बदौलत शून्य से शिखर पर पहुंचकर देश की नामचीन तीर्थाटन सेवा समिति के रूप में प्रख्यात श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति
अपने विशेष प्रशिक्षित 80 सदस्यों के साथ 23 दिसंबर 2023 से 2 जनवरी 2024 तक एक बार फिर रामेश्वरम धाम की पावन यात्रा पर ले जाकर साकार करने जा रही।समिति द्वारा अनुमति के लिए रेलवे में आवेदन की प्रक्रिया पूरी करते ही 80 फीसदी से अधिक सीट के लिए श्रद्धालुओं ने इस पावन तीर्थ यात्रा में सहभागी बन अपना जीवन धन्य बनाने बुकिंग कर ली है।

रामेश्वरम धाम ,जिसकी कल्पना मात्र से जीवन में एक अलग ही आनंद की अनुभति होती है ,अगर भागमभाग के दौर में व ढलती उम्र में इस पावन तीर्थ स्थल का दीदार हो तो वाकई जीवन धन्य हो जाता है।श्रद्धालुओं की इन्हीं सपनों को पिछले 18 वर्षों से पूरी शिद्दत के साथ साकार करते आ रही देश की प्रसिद्ध श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति एक बार फिर अपनी श्रवणभक्ति रूपी सेवाओं के साथ तैयार है। शीतकालीन की छुट्टियों में
23 दिसंबर 2023 से 2 जनवरी 2024 तक रामेश्वरम धाम की पावन यात्रा में 1500 श्रद्धालुओं का विशाल समूह इस सुखद यात्रा के साक्षी बनेंगे। गौरतलब हो कि रामेश्वरम धाम ज्योतिर्लिंग, तिरुपति बालाजी, मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग, मदुरई मीनाक्षी देवी, कन्याकुमारी के दर्शन की अभिलाषा किसकी नहीं होती। जीवन में सुख शांति यश कीर्ति की स्थली इन दक्षिण भारतीय प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की कड़ाके की ठंड के मौसम में दर्शन का एक अलग ही आनंद और उत्साह रहता है। श्रद्धालुओं की इसी अभिलाषा को श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति विगत 18 वर्षों की भांति इस साल भी शीतकालीन छुट्टियों के दौरान 23 दिसंबर 2023 से 2 जनवरी 2024 तक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से दर्शन यात्रा पर ले जाकर पूरा कराने की तैयारियों में जुट गई है। श्रद्धालुओं के स्नेह , आशीर्वाद , दर्शन अभिलाषा की लालसा को देखते हुए समिति दक्षिण भारत की तीर्थ यात्रा पर ले जाने की तैयारी में पूरी शिद्दत से जुट गई है।

जानें समिति के स्पेशल ट्रेन में मिलने वाली यात्रा की उच्च स्तरीय सेवाएं ,जो यात्रा को बनाएंगी सुखद ,यादगार

श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के सफर में सबसे बड़ी खासियत यात्रा के दौरान समिति की उच्च स्तरीय सेवाएं रहीं है।श्रवणकुमार की तरह समिति ने प्रत्येक तीर्थ यात्रा में अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा एवं संजीदगी के साथ निर्वहन किया है। जिसमें स्पेशल ट्रेन में ही यात्रियों को एक पारिवारिक माहौल में सारी सुविधाएं व अपनेपन का एहसास दिलाना सबसे खास रही है। श्रद्धालुओं कोच में ही सारी सुविधाएं सीट पर मुहैया कराई जाती हैं। जिससे श्रद्धालुओं को ट्रेन बदलने की समस्या से निजात मिल जाती है। 80 प्रशिक्षित सेवकों की बदौलत पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्पेशल ट्रेन में सामान उतारने चढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। यह सभी कार्य समिति के सेवक ही करते हैं। यही वजह है देश के कोने से श्रद्धालुगण तीर्थाटन करने श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति को सभी समितियों में तरजीह (प्राथमिकता )देते हैं। समिति के अनुभवी विशेष टूर मैनेजर पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के बीच गाइड की तरह मौजूद रहते हैं ,जो उन्हें यात्रा के दौरान सभी धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के महत्व से अवगत कराते हुए यात्रा को आंनददायी यादगार बनाते हैं। इस दौरान श्रद्धालुगणों को मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों का दीदार कराने के लिए समिति की टू बाय टू की लग्जरी बस सभी रेलवे स्टेशन के बाहर सेवाओं के लिए तैयार रहती है।

समिति के इस अधिकृत वेबसाइट से बुक कराएं टिकिट
पावन यात्रा में शामिल होने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति की अधिकृत वेबसाइट www.tripuryatra.com तैयार है। जहां लोगों में इस यात्रा में शामिल होने बुकिंग कराने की होड़ लगी हुई है। इच्छुक श्रद्धालु
जल्द से जल्द अपनी बुकिंग ऑनलाइन करवा लें। अधिक जानकारी के लिए मो. 7247411411 में कॉल कर जानकारी ली जा सकती है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के साथ इन दर्शनीय स्थलों का करेंगे दीदार
रामेश्वरम धाम तीर्थ यात्रा में श्रद्धालुओं को उन दर्शनीय स्थलों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा जिनके दर्शन की लालसा हर आस्थावान भक्त की रहती है। इनमें श्री रामेश्वरम धाम ज्योतिर्लिंग, श्री तिरुपति बालाजी, श्री मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग, श्री मदुरई मीनाक्षी देवी, श्री कन्याकुमारी के दर्शन का परम सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा ।

11 दिनों की तीर्थयात्रा ,1500 श्रद्धालुओं की सेवाओं के लिए 80 प्रशिक्षित टीम तैयार 
रामेश्वरमधाम की 11 दिनों की पावन तीर्थयात्रा में इस बार भी समिति के अनुभवी स्टाफ उच्चस्तरीय सेवाएं प्रदान कर यात्रा को सुखद ,सफल एवं यादगार बनाने के लिए तैयार हैं। जिसमें 1500 श्रद्धालुओं के विशाल जत्थे को दर्शन कराने की मंशा के साथ श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति बुकिंग शुरू कर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है। जिसमें स्लीपर की सहयोग राशि 16 हजार 500 रुपए , थर्ड एसी की सहयोग राशि 27 हजार 500 रुपए ,सेकेंड एसी की सहयोग राशि 32 हजार 500 रुपए विद 5 प्रतिशत जीएसटी रखी गई है।
समिति की सफल धार्मिक यात्राओं को देखते हुए रेलवे समिति को 23 कोच वाली स्पेशल ट्रेन की मंजूरी मिल गई है । जिसमें 15- स्लीपर, 3- थर्ड एसी,सेकेंड एसी -2 , 1 -पैंट्रीकार, सहित 2 एसएलआर की सुविधा उपलब्ध रहेगी । जिसमें समिति 1500 तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम धाम की यात्रा कराकर उनका जीवन धन्य बनाने की पुनीत संकल्प के साथ तैयारियों में जुटी हुई है। जिसमें श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए रसोइयों की टीम , वेटर, कोच मैनेजर यात्रा के दौरान उपलब्ध रहेंगे।

केदारनाथ ,काशी की जो महिमा वही महत्ता दक्षिण में रामेश्वरमधाम की
भारत के तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे स्थित है हिंदुओं का तीसरा धाम रामेश्वरम्। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप है। रामेश्वरम् में स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर में केदारनाथ और काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। मान्यता अनुसार भगवान राम ने रामेश्वरम् शिवलिंग की स्थापना की थी। यहां राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व एक पत्थरों के सेतु का निर्माण भी करवाया था, जिस पर चढ़कर वानर सेना लंका पहुंची। बाद में राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुषकोटि नामक स्थान पर यह सेतु तोड़ दिया था।जिसके अवशेष आज भी विद्यमान है। जो श्रद्धालुओं के आस्था का प्रतीक बने हुए हैं।

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