#कोरबा #छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के पेट्राेल पंप व्यवसायियों को वेट रिटर्न एवं वेट पंजीयन लेने से मिलेगी राहत- मो. रफीक मेमन (वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार)

कोरबा (न्यूज वाला)। कोरबा जिले के वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार मोहम्मद रफीक मेमन ने छत्तीसगढ़ के बजट की बहुत ही ज्यादा सराहना की है। साथ ही साथ उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी से राज्य की जनता के हित में मुख्य दो सुझाव दिए हैं जिससे राज्य शासन के रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी एवं राज्य की जनता को फायदे भी पहुंचेंगे।


1) रिटेल पेट्रोल व्यवसाईयों को वेट के पंजीयन एवं वेट रिटर्न भरने एवं वार्षिक फॉर्म 18 भरने से मुक्ति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
2) राज्य के छोटे व्यवसाई एवं नागरिकों के लिए एक विशेष बैंक अकाउंट प्रधानमंत्री कर/ लायबिलिटी भुगतान खाता खोले का अनुरोध किए हैं।
जिसमें जीएसटी पंजीयत व्यवसाई, एवं राज्य की जनता के लिए प्रारंभ में ₹100000.00 तक का सीसी अकाउंट खोला जाए जिसमें वार्षिक 8% उस राशि पर ब्याज लिया जाए जितना पैसा बैंक खाता से उठाया गया है। इस विशेष बैंक अकाउंट से छत्तीसगढ़ राज्य की जनता सिर्फ और सिर्फ केंद्र एवं राज्य के विभिन्न प्रकार के टैक्स का भुगतान कर सकेंगी। जैसे जी.एस.टी,इनकम टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी बिल, प्रॉपर्टी टैक्स इत्यादि। जीएसटी में छोटे व्यवसाईयों द्वारा विभिन्न शासकीय विभागों में या अन्य जगहों पर क्रेता व्यवसाईयों को बील दिया जाता है तो उन्हें अधिकतर बिलों का भुगतान प्राप्त करने में 4 से 6 महीने का समय लग जाता है। जिस कारण अधिकतर छोटे व्यवसाई ना चाहते हुए भी अपनी जी.एस.टी रिटर्न समय पर फाइल नहीं कर पाते हैं, और उन्हें ब्याज ,पेनल्टी के साथ-साथ जीएसटी पंजीयन निरस्त होने का भी खतरा बना रहता है। इसी प्रकार राज्य की अधिकतर जनता के पास समय पर पैसा ना होने के कारण वह शासन के विभिन्न प्रकार के करो का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं। इस विशेष बैंक अकाउंट से राज्य की जनता को बहुत ही ज्यादा लाभ प्राप्त होगा एवं शासन को रेवेन्यू का नुकसान भी नहीं होगा बल्कि रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी क्योंकि इस बैंक अकाउंट से सिर्फ और सिर्फ शासन के विभिन्न प्रकार के टैक्स/लायबिलिटी का भुगतान किया जा सकेगा एवं बैंकों को 8% का ब्याज भी प्राप्त होगा, इस योजना के लागू होने से राज्य की जनता में एक हर्ष उल्लास का संचार होगा साथ ही साथ राज्य की जनता समय पर अपने टैक्स एवं लायबिलिटी का भुगतान कर सकेगी वर्तमान में बैंक के पास नगदी की अधिकता भी है जिसे इस योजना में उपयोग भी किया जा सकता है। मेरा मानना है, इस तरह की योजना चलाने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ होगा इस योजना का अवलोकन कर देश के अन्य राज्य भी इस योजना को लागू करेंगे।
राज्य के पेट्रोल पंप व्यवसायियों को अनावश्यक दो-दो रिटर्न करनी पड़ती है फाइल…
ज्ञात हो कि 1 जुलाई 2017 से देश में GST लागू कर दिया गया है किंतु पेट्रोल और डीजल को जीएसटी से अलग रखा गया है। जिसके चलते पेट्रोल और डीजल में वेट (मूल्य संवर्धित कर) कर की लायबिलिटी बनती है। इस वजह से पेट्रोल और डीजल पंप व्यवसायियों को दो रिटर्न फाइल करनी पड़ती है। पहला जीएसटी का और दूसरा वेट कर का। ऐसे में एक ही क्रय-विक्रय को व्यवसाई को दो बार रिटर्न में अलग-अलग एक्ट के तहत दिखाना पड़ता है जो कि अनावश्यक है। साथ ही साथ वार्षिक कर निर्धारण भी कराना पड़ता है।
फर्स्ट पॉइंट पर हो जाती है ‘वेट’ की वसूली
बता दें कि डीजल एवं पेट्रोल पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा फर्स्ट पॉइंट (आयल डिपो) पर ही वेट कर की वसूली कर ली जाती है। इसके पश्चात डीजल एवं पेट्रोल पंप व्यवसायियों को पृथक से उपभोक्ता से वेट कर वसूलने की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में पेट्रोल पंप व्यवसायियों द्वारा पृथक से वेट कर की रिटर्न फाइल करने से या वार्षिक कर निर्धारण कराने से छत्तीसगढ़ शासन को पृथक से कोई भी राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है। आज पेट्रोल पंप पर जो वेट कर के पंजीयन कराने की, मंथली एवं तिमाही रिटर्न फाइल करने की, वार्षिक कर निर्धारण की अनावश्यक लायबिलिटी बनी हुई है, जिसे समाप्त कर राज्य के हजारों पेट्रोल पंप व्यवसायियों को वेट रिटर्न फाईल करने से राहत प्रदान की जा सकती है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *