केवल दो महीने से कोरबा में तैनात प्रभाकर उपाध्याय जीएसटी अधिकारी सर्किल 2 कोरबा द्वारा मनमाने नोटिस जारी करने और व्यक्तिगत फोन करने से छोटे-छोटे व्यवसायियों में भय और असुरक्षा की स्थिति, न्यायसंगत कार्रवाई और तुरंत ट्रांसफर की मांग
0 राज्य कर अधिकारी (GST) प्रभाकर उपाध्याय, कोरबा सर्किल-2 द्वारा छोटे व्यापारियों का अनावश्यक उत्पीड़न — तत्काल कार्रवाई की मांग
कोरबा (न्यूज़ वाला)। 1. छोटे-छोटे व्यापारी, जो केवल टैक्स-फ्री (मुक्त) कारोबार करते हैं और जिनकी GSTR-3B एवं GSTR-1 में कोई अंतर नहीं है, यहाँ तक कि GSTR-2B और 3B भी पूरी तरह मेल खाते हैं, ऐसे करदाताओं को ASMT-10 नोटिस भेजे जा रहे हैं।इन नोटिसों में उनसे ऑडिट रिपोर्ट, स्टॉक का प्रतिशतवार विवरण, खरीदी-बिक्री के बिल, 26AS जैसे दस्तावेज़ माँगे जा रहे हैं।यह माँग जीएसटी के उच्च अधिकारियों द्वारा जीएसटी के ऑडिट में मांगे जाते हैं, टर्नओवर की सीमा के अनुरूप।
2. जब व्यापारी विधि अनुसार ASMT-11 में ऑनलाइन उत्तर देते हैं, तो प्रभाकर उपाध्याय स्वयं व्यापारी को फोन कर यह कहते हैं कि – “आप ऑफिस आकर मिलिए, आपकी बिक्री हम तय करेंगे।”यह आचरण पूर्णतः ग़ैर-कानूनी, अमर्यादित एवं व्यापार विरोधी है।सरकार द्वारा जीएसटी प्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य की यह सीधी अवहेलना है।


3. विशेष उल्लेखनीय है कि श्री प्रभाकर उपाध्याय को कोरबा सर्किल-2 में पदस्थ हुए मात्र दो माह ही हुए हैं, और इतने अल्प समय में ही उन्होंने व्यापारियों को अनावश्यक उत्पीड़न एवं अव्यवहारिक नोटिसों से परेशान करना प्रारंभ कर दिया है।यह स्थिति न केवल उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो व्यापारिक वातावरण और बिगड़ सकता है।
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री स्वयं बार-बार यह आश्वासन देते रहे हैं कि ईमानदार व छोटे व्यापारियों को किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानियों से मुक्त रखा जाएगा। परंतु, प्रभाकर उपाध्याय जैसे अधिकारी इन नीतियों को ठेंगा दिखाकर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, जिससे न केवल व्यापारी वर्ग का भरोसा डगमगा रहा है, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
हमारी मांग-
1. प्रभाकर उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से कोरबा सर्किल-2 के व्यापारियों के कर निर्धारण के कार्य से हटाकर किसी अन्य कार्य में पदस्थ किया जाए।2. यह भी उच्च स्तरीय जांच की जाए कि अब तक उनके द्वारा इस तरह के कितने अनावश्यक नोटिस (ASMT-10 आदि) काटे गए हैं, ताकि वस्तुस्थिति साफ हो सके।3. विभाग यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में किसी भी ईमानदार व्यापारी को इस प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का सामना न करना पड़े। या उनका ट्रांसफर कहीं और कर दिया जाए।

मोहम्मद रफीक मेमनजी
एसटी सलाहकारबी/14, दीनदयाल मार्केट, कोरबा (छ.ग.)
मो. 7000708165
Email: mishrakocha@gmail.com




























































































































































































































































































