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टेक्नोलॉजी बदल सकती है साधन, लेकिन शिक्षक ही बदलते हैं जीवन

0 शिक्षक दिवस पर समर्पित,डी लाल की कलम से

राजाराम राठौर – संवाददाता

कोरबा (न्यूज वाला) । भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है यह दिन भारत के महान दार्शनिक, पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है लेकिन आज जब हम 21वीं सदी के डिजिटल और प्रतिस्पर्धी युग में रह रहे हैं तो शिक्षक दिवस का महत्व और बढ़ जाता है .आज का समय पहले जैसा नहीं पहले केवल कक्षा और किताबें तक सीमित रहते थे अब आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन, क्लास स्मार्ट व बोर्ड, डिजिटल लर्निंग, मोबाइल एप, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी आदि अहम हिस्सा बन गया है आजकल विद्यार्थी नवाचार, ग्लोबल, रिसर्च पर ज्यादा फोकस ज्ञान पाने के तरीके को सरल कर देता है .

टेक्नालॉजी बदल सकती है साधन ,लेकिन शिक्षक ही बदलते है जीवन

शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माणकर्ता है अगर शिक्षक ही समस्याओं से जूझते रहेंगे तो नई पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आशा करना बेमानी होगी, इस विषय पर शासन से आग्रहपूर्वक निवेदन है कि उनकी न्यायोचित मांगों पर नियमानुसार उचित निर्णय लेकर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक समाज की आत्मा है और उनके बिना ज्ञान और प्रगति की कल्पना भी अधूरी है, शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते अपितु अनुशासन के साथ चरित्र निर्माण करने वाले मार्गदर्शक भी होते हैं.छिपी प्रतिभा को तराश कर विकसित करने का नाम है शिक्षक है.

समय चाहे कितना भी बदल जाए एक अच्छे शिक्षक की भूमिका कभी कम नहीं हो सकती

सभी आदरणीय शिक्षकों को प्रणाम के साथ लेख समर्पित डी. लाल से.नि. शिक्षा अधिकारी ,कोरबा (छत्तीसगढ़)