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पेट्रोल पंप पर राज्य स्तरीय लाइसेंस लेने की अनिवार्यता को खत्म करने की घोषणा का वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार मोहम्मद रफीक मेमन ने की सराहना 

0 उनका मानना है बहुत जल्द राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के रिटेल पेट्रोल पंप व्यवसाईयो को वेट पंजीयन एवं वेट रिटर्न फाइल करने की छूट भी प्रदान करेंगी

कोरबा (न्यूज वाला)। कोरबा जिले के वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार मोहम्मद रफीक मेमन पिछले कई वर्षों से प्रयासरत है की कैसे छत्तीसगढ़ के पेट्रोल पंप व्यवसाई को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके। मेमन द्वारा मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी से राज्य के पेट्रोल पंप के हित में मुख्य सुझाव दिया है

मेमन का कहना है छत्तीसगढ़ के रिटेल पेट्रोल व्यवसाईयों को वेट पंजीयन एवं वेट रिटर्न भरने एवं वार्षिक फॉर्म 18 भरने से मुक्ति प्रदान करने की जाए।

मेमन राज्य के वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार है उनका कहना है राज्य के पेट्रोल पंप व्यवसायियों को अनावश्यक दो-दो रिटर्न करनी पड़ती है।

ज्ञात हो कि 1 जुलाई 2017 से देश में GST लागू कर दिया गया है किंतु पेट्रोल और डीजल को जीएसटी से अलग रखा गया है। जिसके चलते पेट्रोल और डीजल में वेट (मूल्य संवर्धित कर) कर की लायबिलिटी बनती है। इस वजह से पेट्रोल और डीजल पंप व्यवसायियों को दो रिटर्न फाइल करनी पड़ती है। पहला जीएसटी का और दूसरा वेट कर का। ऐसे में एक ही क्रय-विक्रय को व्यवसाई को दो बार रिटर्न में अलग-अलग एक्ट के तहत दिखाना पड़ता है जो कि अनावश्यक है। साथ ही साथ वार्षिक कर निर्धारण भी कराना पड़ता है।

फर्स्ट पॉइंट पर हो जाती है ‘वेट’ की वसूली

बता दें कि डीजल एवं पेट्रोल पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा फर्स्ट पॉइंट (आयल डिपो) पर ही वेट कर की वसूली कर ली जाती है। इसके पश्चात डीजल एवं पेट्रोल पंप व्यवसायियों को पृथक से उपभोक्ता से वेट कर वसूलने की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में पेट्रोल पंप व्यवसायियों द्वारा पृथक से वेट कर की रिटर्न फाइल करने से या वार्षिक कर निर्धारण कराने से छत्तीसगढ़ शासन को पृथक से कोई भी राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है।

आज पेट्रोल पंप पर जो वेट कर के पंजीयन कराने की, मंथली एवं तिमाही रिटर्न फाइल करने की, वार्षिक कर निर्धारण की अनावश्यक लायबिलिटी बनी हुई है, जिसे समाप्त कर राज्य के हजारों पेट्रोल पंप व्यवसायियों को वेट रिटर्न फाईल करने से राहत प्रदान की जा सकती है ।

जिस प्रकार राज्य शासन ने पेट्रोल पंप पर लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त की है उसी प्रकार वेट पंजीयन एवं वेट रिटर्न फाइल करने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर सकती है।